Wednesday, December 23, 2009

आज फिर हैदराबाद और आसपास के प्रदेशा में हिंसा का तांडव शुरू / यह कैसा लोकतंत्र है ?

कल शाम भारत सरकार कि ओर से तेलंगाना मुद्दे पर गृह मंत्री मान्यवर श्री पी चिदम्बरम के द्वारा जारी अधिकारक
वक्तव्य में यह स्पष्ट करा दिया गया कि अभी पृथक राज्य के गठन के लिए सभी राजनीतिक दलों के एक मत होने की आवश्यकता है इसलिए व्यापक बहस की ज़रूरत है इसलिए जनता को ( दोनों प्रदेशो के ) संयम रखना होगा और राज्य में कानून और व्यवस्था को भंग नहीं करने की अपील भी की गयी । यह एक राजनीतिक पहल के लिए की गयी अपील है न कि कोई फरमान किसी के भी पक्ष या विपक्ष में यह नही है। जैसा कि कुछ स्वार्थी नेता इसे एनी तरीके से पेशा कर रहे हैं और लोगो को भड़का कर हैदराबाद और उसके आस पास के क्षेत्रो में हिंसा भड़का रहे हैं । इस वक्तव्य के टी वी पर प्रसारित होंव के कुछ ही मिनटों में शहर के कुछ हिस्सों में सड़क पर चलने वाले आम आदमियों पर और उनके वाहनों पर घातक हमले किये गए। कई निजी गाडियों को तोडा गया और आग लगाई गई। बसों को आग में झोंक डाला गया। पुलिस और जनता देखती रह गई । इसमें तथा कथित असामाजिक तत्व और छात्रो के होने की संभावना बताई जा रही है । इसे आम जनता का आक्रोश कहकर राजनेता हिंसा का औचित्य घोषित करने में श्री ले रहे हैं । आम आदमी का जीवन दूभर हो गया है। अनिश्चितताओं में जीवन घिर गया है। जन जीवन ठप्प हो गया है। पेट्रोल पम्प बंद कर दिए गए शाम ही को । जनता परेशान भटकती रही रात भर कि कही कोई थोडा सा पेट्रोल मिल जाए ताकि वे अपने घरो को पहुंच सके । अस्पताल जाने वाले बीमारों की हालत की ओर इस्सी का ध्यान नही जा रहा है। यात्रा पर निकले मुसाफिर सड़क पर बैठे है - उन्हें कोई सवारी नही मिल रही है। साग - सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं । स्कूल और कालेज बंद हो गए हैं । परीक्षाए रद्द कर दी गयी है। शैक्षिक सत्र अस्स्ता व्यस्त हो गए हैं - राज्य का पर्यटन राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है। विभिन्न प्रकार के राजस्व की वसूली नही हो रही है। होटल उद्योग मंदीका शिकार हो चुका है। हैदराबाद आने वाले पर्यटकों के लिए नवम्बर दिसंबर और जनवरी के महीने सुहावने हॉट एहैम इसीलिए इन्हीमहीनो में अधिक से अधिक पर्यटक
हैदराबाद और आन्ध्र प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में घूमते हैं और इससे राज्य को तथा निजी क्षेत्र के व्यापारियों को कमाने साधन उपलब्ध होता है । सब कुछ ख़तम कर दिया इन अदूरदर्शी राजनेताओं ने - केवल अपने क्षुद्र स्वार्थ के लिए जिसे वे जन-आन्दोलन का छद्म रूप दे रहे हैं । केवल आर टी सी ( राज्य परिवहन निगम ) को चार सौ करोड़ का नुकसान. बताया जा रहाहै । आये दिन सड़को पर राज्य परिवहन निगम के बसों पर पथराव और आगजनी की घटनाए ऐसे घटित होती हैं जैसे यह कोई आम बात हो । आन्ध्र प्रदेश एक उत्तम और आदर्श राज्य माना जाता रहा है। यहां के लोग बहुत ही मिलनसार और सुसंस्कृत हैं । हिन्दू मुस्लिम एकता के लिए यह नगर विश्व में मशहूर है। यहां सभी जातियों , धर्मो और संसकृतियों के लोग प्रेम और परस्पर आदर सम्मान के साथ अनेको दशको से रह रहे हैं । यहां की सम्मिलित तहजीब देश के लिए मिसाल है , लेकिन इसे आज जैसे ग्रहण लग गया है । किसी की नज़र लग गयी है। कल फिल्मी कलाकारों पर भी हमले हुए । उनकी शूटिंग रोक दी गयी और उनके साजो सामान को तोड़ दिया गया । कलाकार किसी एक धर्म या जाति का नही होता वह जनता का होता
है सारे समाज काहोता है सारे राष्ट्र का होता है। कला मनुष्य मात्र के लिए होती है । जिस समाज में कला एवं कलाकारों अपमान हो वह समाज सभ्य कहलाने का दावा नहीं कर सकता। तो क्या हम इन समाज विरोधी आंदोलने के रास्ते समाज को कुरूप और विकृत बनाने की दिशा में चला पड़े हैं - हमें आत्मालोचन करनाहोगा ।
इस जनविरोधी हिंसा को रोकने का कोई कारगर उपाय सोचना होगा । आज के राजनेता समाज को विकृत कर सकते हैं उसे सुन्दरता प्रदान नहीं कर सकते । हमें मनुष्यता की रक्षा करनी है - पाशविकता की नहीं ।
एम वेंकटेश्वर -

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