Sunday, April 3, 2011
भारत विश्व कप - विजेता
Friday, April 1, 2011
देश में क्रिकेट का उन्माद
आज देश भर में क्रिकेट का बुखार अपने चरम पर है। किसी खेल के प्रति हमारे देश का इस प्रकार का जुनून काबिले तारीफ़ है लेकिन मीडिया जिस भांति इस खेल को लोकप्रिय बनाने के लिए सारे दांव पेंच लगा रही है वह चिंता का विषय है। आज खेल-कूद और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी बाज़ार का विषय बन गए हैं और केवल पैसा कमाने का माध्यम बनाकर रह गयीं हैं। सिनेमा से लेकर रंगमंच और खेल-कूद तक - सारे क्षेत्र बाज़ार के निशाने पर हैं। बाज़ार अकूत धनोपार्जन का स्रोत है। बाज़ार का सीधा समीकरण विज्ञापन की दुनिया से है। विज्ञापन और प्रचार से करोड़ों रुपयों या डालरों की कमाई मीडिया के तानाशाह कर रहे हैं। मीडिया को देश-प्रेम या राष्ट्रीय संस्कृति से कुछ लेना देना नहीं है। वह केवल पैसे के लिए ही सब कुछ करती है। समूचे राष्ट्र को किसी भी घटना के खिलाफ या तरफ लोकचेतना को बनाने में मीडिया का ही दखल है। मीडिया जो दिखाती है, छापती है, उसे ही जनता देखती है और उसे ही सच मानती है, जब की हकीकत कुछ और ही होती है। आज हमारे चारों का वातावरण मीडिया के दखल से उतीदित है। देश जी आम जनता उसी ओर लहर की ओर बहती है जो लहर मीडिया पैदा करती है। क्रिकेट के विश्व कप टूर्नामेंट का आयोजन भारत जैसे गरीब देश में होना अपने आप में एक विडम्बना है । इस खेल में जो धन लगता है और जिस रूप में इसका वितरण होता है वह भी आम लोगों के लिए अकल्पनीय है। खिलाड़ियों से लेकर प्रायोजकों और मीडिया के प्रचारकों को अपार धन राशि की उपलब्धि होती है। इस धन का उपयोग देश के विकास के कार्यों के लिए नहीं किया जाता। केवल कुछ धनी समाज के हित में ही ये खेल और इनसे प्राप्त धन का उपयोग होता है। विश्व कप के मैचों को देखने के लिए अपार जाना समूह उमड़ पड़ता है । टी वी चैनलों में रात दिन केवल क्रिकेट संबंधी कार्यक्रम ही दिखाए जाते हैं। तरह तरह की व्याख्याओं विश्लेषणों द्वारा क्रिकेट संबंधी चर्चा जारी रखी जाती है। अखबार, पत्रिकाएँ, दृश्य और श्रव्य माध्यम अहर्निश क्रिकेट का ही राग आलापते रहते हैं।
चाहे कुछ भी हो, यह खेल हमारे देश का राष्ट्रीय खेल बन चुका है। सारा देश भारत के विजय की प्रतीक्षा कर रहा है। भारत का फाइनल में पहुँचना अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इधर कुछ वर्षों से भारतीय टीम ने विजय का अभियान जो शुरू किया है, उसकी चरम परिणति विश्व कप की जीत में ही होगी। आज देश का हर व्यक्ति, हर उम्र का, इस खेल की बारीकियों को समझने लगा है. इसीलिए लोग इस खेल में रूचि ले रहे हैं। भारत - पाकिस्तान के सेमी फाईनल प्रतियोगिता ने नए कीर्तिमान स्थापित किये। फाइनल में भजी भारत की जीत को लोग निश्चित मान रहे हैं। लोगों के इस विश्वास और देश केप्रति ऐसे जज़बात के प्रति हम नमन करते हैं और कामना करते हैं कि हमारा देश विजयी हो।