Sunday, November 15, 2009

एन डी टी वी (अंग्रेजी )चैनल में हिन्दी की उपयोगिता पर निरर्थक बहस

आज शाम आठ बजे, टी वी चैनल - एन डी टी वी -(अंग्रेजी) में परिचर्चा का एक कार्यक्रम आयोजित था । विषय था -
हिन्दी का मुद्दा। जाहिर है की यह प्रसंग हाल ही के मुम्बई विधान सभा प्रकरण से जुदा हुआ है । ऐसे टी वी चैनल ऐसे ही विवादास्पद विषयों को बहस का मुद्दा बनाकर वाहियात किस्म के विचारों का प्रसार जान बूझा कर देशा भर में फैलाते हैं। ऐसे ऐसे लोगों को वे अपने पैनल में रखते हैं जिनको न ही भाषा की राष्ट्रीयता का बोधा होता है और न ही हिन्दी या भारतीय भाषाओं के प्रति कोई राष्ट्रीय चेतना ही होती है। सारे अंग्रेजी दम लोग अंग्रेजी में हिन्दी भाषा के राष्ट्रीय महत्व अधूरी जानकारियों के सहारे और बिना किसी प्रतिबद्धता के बयानबाजी कर रहे थे । आश्चर्य की बरखादत्त जैसी वरिष्ठ टी वी पत्रकार भी हिन्दी और भारतीय भाषाओं के प्रति इतना सीमित ज्ञान रखती हैं। हिन्दी की कोई राष्ट्रीय अस्मिता ही नहीं - यही घोषित किया अंत में सारे प्रबुद्ध लोगो ने। इस चर्चा कार्यक्रम में माननीय अशोक वाजपेयी जी भी दिखाई दी लेकिन वे बहुत ही निरीह से लगे। उनकी बात कोई सुनाने को तैयार ही नही था
सभी लोगों ने अंत में एकमत से अंग्रेजी को ही भारत की संपर्क भाषा घोषित किया और कहा की अंग्रेजी से ही भारत का उत्थान होगा और अंग्रेजी ही देश की एकता को सुरक्षित रख सकती है. खुले आम हिन्दी और भारतीय भाषाओं की धज्जिया उडाई गयी । भारतीयता का न ही कोई बोध था, किसी में और न ही हिन्दी के प्रयोग के बारे में कोई जानकारी ही थी उन लोगो के पास. सभी लोगों ने हिन्दी को ही देश की समस्याओ का मूल कारण बताया और इससे जल्द से जल्द निजात पाने का फरमान घोषित कर दिया । वाह रे वाह भारत के बुद्धिजीवी और वाह रे वाह एन डी टी वी चैनल। धन्य हो बरखादत्त .

3 comments:

  1. "आश्चर्य की बरखादत्त जैसी वरिष्ठ टी वी पत्रकार भी हिन्दी और भारतीय भाषाओं के प्रति इतना सीमित ज्ञान रखती हैं। हिन्दी की कोई राष्ट्रीय अस्मिता ही नहीं - यही घोषित किया अंत में सारे प्रबुद्ध लोगो ने। "

    अंग्रेज़ी के टुकडे तोडने वाले और कर भी क्या सकते हैं :(

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  2. इसीलिए तो समांतर मीडिया की ज़रुरत इधर बड़ी शिद्दत से महसूस होने लगी है.

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  3. अर्थशास्त्र की भाषा में कहें तो सब कुछ बाज़ार की शक्तियों से तय होता है. यह शक्ति ही हिंदी को उस गौरवपूर्ण उच्च आसन पर प्रतिष्ठित करेगी जिसकी वह अधिकारिणी है . जहाँ तक मेरी दृष्टि जाती है एन डी टीवी भी उसी से संचालित है.

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